पेरिस 2024 पैरालिंपिक: गुओ लिंगलिंग ने पावरलिफ्टिंग में नया विश्व रिकॉर्ड तोड़ा


 चीन की एथलीट गुओ लिंगलिंग ने पेरिस 2024 पैरालिंपिक के पहले दिन ही पावरलिफ्टिंग में अपने शानदार प्रदर्शन से इतिहास रच दिया। लिंगलिंग ने बुधवार को 45 किग्रा की कैटेगरी में अपनी ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने 123 किग्रा का बेंच प्रेस किया, जो उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। इससे पहले फरवरी में उन्होंने 121 किग्रा का रिकॉर्ड बनाया था। इस प्रदर्शन ने उन्हें न केवल पदक दिलाया, बल्कि चीन को समग्र पदक तालिका में शीर्ष पर पहुंचा दिया।

गुओ लिंगलिंग का प्रेरणादायक प्रदर्शन

35 वर्षीय गुओ लिंगलिंग ने अपने इस प्रदर्शन के बाद कहा कि वह बेहद खुश और उत्साहित हैं। उन्होंने स्टेडियम के माहौल को भी अपने प्रेरणास्रोत के रूप में बताया। उन्होंने कहा, "चीनी सरकार अपने खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए काफी पैसा खर्च करती है। यही कारण है कि चीन हमेशा स्वर्ण पदक तालिका में सबसे आगे रहता है।" गुओ की इस शानदार जीत ने पैरालिंपिक की पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता को और रोमांचक बना दिया है।

पैरा पावरलिफ्टिंग क्या है?

पैरा पावरलिफ्टिंग एथलीटों के ऊपरी शरीर की ताकत को परखने का एक खेल है। यह इवेंट पहली बार टोक्यो 1964 के ओलंपिक खेलों के दौरान शामिल किया गया था, लेकिन इसे पैरालिंपिक में 1984 में मान्यता मिली। महिलाओं की पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता की शुरुआत 2000 में सिडनी पैरालिंपिक खेलों में हुई थी। इस खेल में एथलीट बेंच प्रेस के जरिए अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हैं।

पात्रता के नियम और कैटेगरी

इस इवेंट में हिस्सा लेने के लिए कुछ खास विकलांगताओं का होना अनिवार्य है, जैसे सेरेब्रल पाल्सी, आर्थोपेडिक विकलांगता, न्यूरोलॉजिकल विकलांगता, पैराप्लेजिया और टेट्राप्लेजिया। इस खेल में पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग वजन श्रेणियां निर्धारित की गई हैं।

पुरुषों की कैटेगरी में 49 किग्रा से 107 किग्रा तक की 10 श्रेणियां हैं, जबकि महिलाओं की कैटेगरी 41 किग्रा से 86 किग्रा तक की 10 श्रेणियों में विभाजित है।

गुओ लिंगलिंग की जीत से चीन का दबदबा

गुओ लिंगलिंग की इस जीत ने चीन को पेरिस 2024 पैरालिंपिक की पदक तालिका में टॉप पर पहुंचा दिया है। उनका मानना है कि चीनी खिलाड़ियों को दिए जा रहे बेहतरीन संसाधन और समर्थन उन्हें बाकी देशों से अलग बनाते हैं। गुओ की यह उपलब्धि न सिर्फ उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुई है, बल्कि यह चीन के पैरालिंपिक इतिहास में भी एक सुनहरा पन्ना जोड़ चुकी है।

निष्कर्ष

गुओ लिंगलिंग का पेरिस 2024 पैरालिंपिक में शानदार प्रदर्शन न केवल चीन के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह अन्य एथलीटों के लिए प्रेरणादायक है। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। अब देखना यह होगा कि गुओ आने वाले मुकाबलों में किस तरह का प्रदर्शन करती हैं।

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