भगवान गणेश की आरती का विशेष महत्व है। वे ज्ञान, बुद्धि और शुभता के प्रतीक हैं। हर शुभ कार्य से पहले गणेश जी की आराधना की जाती है। "जय गणेश जय गणेश देवा" एक ऐसा भजन है जो हर भक्त की जुबां पर रहता है। यह भजन गणेश जी की महिमा का गुणगान करता है और भक्तों के मन में भक्ति का संचार करता है। इस लेख में हम आपको इस प्रसिद्ध गणेश भजन के लिरिक्स हिंदी में और उनके अर्थ के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
एकदंत दयावंत, चार भुजा धारी
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा
अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया
सूर शाम शरण आये, सफल कीजिये सेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
हिंदी में:
यह भजन भगवान गणेश की महिमा का गुणगान करता है, जिन्हें 'विघ्नहर्ता' और 'संकटनाशक' कहा जाता है। भजन में भगवान गणेश की दिव्य शक्तियों और उनकी कृपा का वर्णन किया गया है, जो उनके भक्तों की सभी बाधाओं को दूर करने और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि प्रदान करने में सहायक होती हैं। यह भजन उनकी माता पार्वती और पिता शिव की महिमा का भी उल्लेख करता है, जो उन्हें विशेष आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
English Translation:
This bhajan glorifies Lord Ganesha, known as the "Remover of Obstacles" and the "Bestower of Prosperity." It describes the divine powers and blessings of Lord Ganesha, who helps his devotees overcome all obstacles and brings peace, happiness, and prosperity in life. The bhajan also honors his parents, Goddess Parvati and Lord Shiva, who bestow special blessings upon him.
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