दिल्ली में मंकीपॉक्स के मामले: AIIMS ने जारी की नई गाइडलाइंस

 दिल्ली में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं। ये गाइडलाइंस मंकीपॉक्स के लक्षणों, उपचार, और रोग की रोकथाम के लिए विशेष रूप से तैयार की गई हैं। इस लेख में, हम आपको इन गाइडलाइंस के साथ-साथ मंकीपॉक्स के बारे में हर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।


मंकीपॉक्स: क्या है यह रोग?

मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो कि मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है। यह वायरस पोक्सविरिडे फैमिली से संबंधित है, जिसमें स्मॉलपॉक्स भी शामिल है। हालांकि, मंकीपॉक्स का संक्रमण कम गंभीर होता है और इसकी मृत्यु दर भी काफी कम है। इस वायरस का संक्रमण मुख्यतः जानवरों से मनुष्यों में होता है, लेकिन इसके मानव से मानव में फैलने का भी खतरा होता है।

मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 6 से 13 दिनों के बाद दिखाई देते हैं, लेकिन यह समय 5 से 21 दिनों तक हो सकता है। प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:

  1. बुखार: प्रारंभिक लक्षण के रूप में बुखार आता है।
  2. सिरदर्द: गंभीर सिरदर्द की शिकायत होती है।
  3. मांसपेशियों में दर्द: शरीर में दर्द और अकड़न होती है।
  4. थकान: थकान और कमजोरी महसूस होती है।
  5. लिम्फ नोड्स में सूजन: यह लक्षण मंकीपॉक्स को स्मॉलपॉक्स से अलग करता है।
  6. रैशेज: बुखार के 1 से 3 दिन बाद शरीर पर रैशेज दिखाई देते हैं, जो कि चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलते हैं।

मंकीपॉक्स का फैलाव और जोखिम

मंकीपॉक्स का फैलाव मुख्यतः संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से होता है, जैसे कि चूहे, बंदर, और अन्य वन्यजीव। यह रोग मानव से मानव में भी फैल सकता है, खासकर तब जब व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के शरीर के द्रव्यों, घावों, या श्वसन बूंदों के संपर्क में आता है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम मंकीपॉक्स के लक्षणों को जल्दी पहचानें और त्वरित उपचार करवाएं।

AIIMS द्वारा जारी गाइडलाइंस

दिल्ली में मंकीपॉक्स के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, AIIMS ने कुछ महत्वपूर्ण गाइडलाइंस जारी की हैं, जो कि न केवल चिकित्सा कर्मियों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

1. रोग की पहचान

AIIMS ने निर्देश दिया है कि किसी भी संदिग्ध मामले को तुरंत अलग कर दिया जाए और उसकी पहचान की जाए। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि जिन लोगों ने हाल ही में संक्रमित क्षेत्रों की यात्रा की है, उनकी बारीकी से जांच की जाए।

2. जांच और परीक्षण

संक्रमण की पुष्टि के लिए, रक्त और अन्य शारीरिक द्रव्यों का परीक्षण किया जाना चाहिए। PCR (पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) टेस्ट मंकीपॉक्स की पुष्टि के लिए सबसे प्रभावी तरीका है। AIIMS ने सभी चिकित्सा संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे इन परीक्षणों को प्राथमिकता दें और संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट तुरंत दें।

3. उपचार और देखभाल

मंकीपॉक्स के उपचार के लिए AIIMS ने विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें एंटीवायरल दवाओं का उपयोग किया जा सकता है, हालांकि इसका कोई विशेष उपचार नहीं है। रोगियों को अलग रखा जाना चाहिए और उनकी देखभाल के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाना चाहिए।

4. संक्रमण की रोकथाम

AIIMS ने संक्रमण की रोकथाम के लिए विशेष ध्यान देने की सलाह दी है। संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचने, व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखने, और संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से बचने की सिफारिश की गई है।

दिल्ली में मंकीपॉक्स के मामलों की स्थिति

दिल्ली में मंकीपॉक्स के मामलों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में मामलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हालांकि, समय पर जांच और उपचार के कारण स्थिति नियंत्रण में है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लोगों में जागरूकता फैलाई जाए और गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जाए, तो मंकीपॉक्स के प्रसार को रोका जा सकता है।

मंकीपॉक्स और कोविड-19: अंतर और समानताएं

मंकीपॉक्स और कोविड-19 दोनों ही वायरस जनित रोग हैं, लेकिन दोनों में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं। कोविड-19 की तरह मंकीपॉक्स भी संक्रामक है, लेकिन इसका प्रसार कोविड-19 के मुकाबले धीमा है। इसके अलावा, मंकीपॉक्स के लक्षण कोविड-19 से अलग होते हैं, जैसे कि त्वचा पर रैशेज का आना।

मंकीपॉक्स के खिलाफ टीकाकरण

मंकीपॉक्स के खिलाफ कोई विशेष टीका नहीं है, लेकिन स्मॉलपॉक्स के टीके से कुछ हद तक इस रोग से बचाव हो सकता है। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने उन क्षेत्रों में स्मॉलपॉक्स के टीके के उपयोग की सलाह दी है, जहां मंकीपॉक्स का प्रकोप अधिक है।

भारत में अभी तक मंकीपॉक्स के टीकाकरण को लेकर कोई सरकारी योजना नहीं है, लेकिन भविष्य में अगर मामलों की संख्या बढ़ती है तो यह संभव है कि टीकाकरण शुरू किया जाए।

मंकीपॉक्स से बचाव के लिए सुझाव

  1. व्यक्तिगत स्वच्छता: नियमित रूप से हाथ धोएं और सैनेटाइज़र का उपयोग करें।
  2. संक्रमित व्यक्तियों से दूरी: मंकीपॉक्स के लक्षणों वाले व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें।
  3. जानवरों के संपर्क से बचें: खासकर वन्यजीवों और जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
  4. स्वास्थ्य जांच: अगर आपको मंकीपॉक्स के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत स्वास्थ्य जांच करवाएं।

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